(बोदरी से सीनियर रिपोर्टर भारतेंदु कौशिक की रिपोर्ट )
नगर पंचायत से नगर पालिका में अपग्रेड हो चुके बोदरी चकरभाटा
शहर के अधिकांश तालाब अतिक्रमण का शिकार हो गए हैं। इन तालाबों को मिट्टी कूड़ा-कचरा आदि डालकर पाटा जा रहा है। शहरी क्षेत्र के कई तालाब जलकुंभी का शिकार बन गए हैं। तालाबों में पानी आने के प्राकृतिक रास्ते अवरुद्ध कर दिए गए हैं, जिससे उनमें बारिश का पानी संग्रहित नहीं हो पा रहा है।
पिछले दिनों अरपा नदी में जैसे जलकुंभी छा गई थी। वैसे ही यहां नगर पालिका बोदरी चकरभाठा के वार्ड नंबर 07 में स्थित जोरा तालाब में जलकुंभी का प्रकोप हो गया है, अब जब बोदरी नगर पालिका बन गया है, तो नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियो को इस ओर एक नज़र डाल कर तालाबों से जलकुंभी हटाना चाहिए या दवा का छिड़काव करवाकर मशीन से इसे साफ किया जाए। तालाब प्राकृतिक जल स्त्रोत है जो लोगों के आम निस्तारण सहित कई अन्य कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
जल स्त्रोत को लेकर हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का स्पष्ट निर्देश है की कि जल स्त्रोत में किसी भी तरह की गंदगी या बेजा कब्जा नही होना चाहिए ।
जोरा तालाब की हालत खराब….
जोरा तालाब के मूल रकवे पर अतिक्रमण कर लगातार कब्जा हो रहा है। हर वर्ष तालाब न सिर्फ सिकुड़ रहा है बल्कि तालाब में गंदे पानी के नए स्त्रोत भी छोड़े जा रहे हैं। जोरा तालाब में प्लास्टिक, पॉलीथिन एवं अन्य कचरा इतनी मात्रा में फेंका जा रहा है कि घाटों के समीप पानी ही
नजर नहीं आता। पूरे तालाब में जलकुंभी के कारण हरी चादर दिखाई देती है।जहां गंदी नालियां तालाब में छोड़ी गई हैं। तालाब गंदगी और जलकुंभी से पूरी तरह पट गया है।
तालाब में फैली जलकुंभी, घाटों की सफाई नहीं होने से फैली हुई है गंदगी, सुनने को कोई तैयार नहीं….
जोरा तालाब के घाट और सीढ़ियों पर कई जगह गंदगी फैली रहती है। तालाब के क्षेत्रफल के कई हिस्सों से लेकर घाटो तक जलकुंभी फैली हुई है।
छेत्र वासियों का कहना है, कि जलकुंभी के कारण लोग बीमारी की चपेट में भी आ रहे हैं। तालाब में जमी जलकुंभी को जल्द से जल्द हटाना चाहिए।
सफाई व्यवस्था पर नगर पालिका प्रशासन का ध्यान नहीं, चुप्पी, साधे बैठे हैं नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि
नगर पालिक में कई जगह विकास कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन यहां तालाब की साफ सफाई नहीं की जा रही है। तालाब के चारों ओर फैली गंदगी को पालिका के पदाधिकारी हटवाने पर ध्यान नहीं दे रहे है।
तालाब की साफ-सफाई समय पर नहीं होने से हर साल तालाब सिकुड़ता जा रहा है। तालाबों के घाटों पर कई जगह कचरे के ढेर लग गए हैं। जिन्हें हटाया नहीं जा रहा है। घाटों की सफाई करने तक नहीं पहुंचते हैं। जबकि तालाब पर आसपास के लोग नहाने, कपड़े धोने के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए पहुंचते हैं। जिससे उन्हें गंदगी का सामना करना पड़ता है।
यह है, इसके जिम्मेदार…?
क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक तालाब के चारों ओर फैली गंदगी और तालाब के पानी में जमी जलकुंभी को हटाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। जिससे तालाब बुरी तरह गंदगी की चपेट में है। इसके लिए लापरवाह अधिकारियों और इलाके के तथाकथित ताहूतदार जनप्रतिनिधियों को गंभीरता दिखाकर इस ओर ध्यान देने की जरुरत है। नहीं तो आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में शहर की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाने का मन बना चुकी है।
